सियासी उठा पठक के खेल में दिलचस्पी रखने वालों को सोमवार को उस समय गहरी निराशा का सामना करना पड़ा जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ज्योतिरदित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह की पूर्व निर्धारित, बंद कमरे में बैठक नहीं हो सकी।
इससे संकेत यह मिला कि राज्य के पार्टी अध्यक्ष पद के लिए अभी खींचतान जारी रहेगी। अभी यह पद सीएम कमल नाथ के पास है और सिधिंया की नजरें पार्टी की राज्य इकाई के सर्वोच्च पद पर हैं। माना जाता है कि सिंह, दिग्विजय में बनती नहीं है।
जब यह कार्यक्रम तय हुआ कि गुना सर्किट हाउस में दो घंटे के लिए दोनों नेता बंद कमरे में बातचीत करेंगे तो सबकी निगाहें इस बैठक की ओर लग गईं और लोग बेसब्री से इस बात का इंतजार करने लगे कि शह और मात की राजनीति में किसके हिस्से में क्या आया है।
लेकिन सिंधिया, जिन्हें यहां दो बजे पहुंचना था, किसी वजह से लेट हो गए तो सिंह ने तय किया कि अब गुना बजरंगगढ़ सड़क पर ही मुलाकात होगी। सिंह चल पड़े और दोनों नेताओं की कारों का काफिला एक जगह टकराया तो दोनों नेता उतरे, एक दूसरे का अभिवादन किया और फूलमाला पहना कर एक दूसरे का स्वागत किया। उनके समर्थकों ने अपने नेताओं के पक्ष में जोरदार नारेबाजी भी की। इस दौरान दोनों नेताओं ने एक दो मिनट के लिए बातचीत की।
गौरतलब है कि सिंधिया और नाथ के बीच फूट पड़ी हुई है। कांग्रेस के हाई कमान ने जहां कमलनाथ पर एतबार जताया है तो वहीं सिंधिया का ग्राफ लगातार नीचे ही आ रहा है। खासकर 2019 में गुना लोकसभा सीट पर चुनाव हारने के बाद से सिंधिया की हैसियत पहले से कम हुई है।
पर इसके बाद भी सिंधिया कमलनाथ को चैन से बैठने नहीं दे रहे। उनके समर्थक और मंत्रिमंडल में शामिल कुछ लोग खुले आम यह मांग कर चुके हैं कि सिंधिया को राज्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाना चाहिए।